बहुत बार हम सुनते आ रहे है की इस जेवण में मारना सत्य है जीन झूठ पर असल में इसकी वास्तिविक सचयी क्या है आज हम जानने की कोशिश करेंगे की क्या यह बात ठीक भी है नही. । दुनिया में असल सरीर को छोड़ जाता है उसको दुनिया वाले मारना कहते है पर धर्म कहता है की यह तो हुआ है जो लोग दुनिया से निराशावादी लोग थे और जिनको धर्म था उसको आत्मिक जीवन के बारे पता था की आत्मिक जीवन क्या ह होता है। तभी उन्होंने ने कह दिया की जीना झूठ है और मारना सत्य पर अगर आत्मा अमर है तो मारना किस पर्कार सत्य हुआ क्योकि आत्मा तो कभी नहीं मरती और ज्ञान की तलाश में भटकती हुए यह कई कई सरीर धारण करती रहती है तो जिसको हम मरण समजा है वो दरसल एक स्थान से दुसरे स्थान पर जाना ही है आत्मा एक सरीर छोड़ कर दुसरे स्थान पर चली जाती है दुसरे सरीर में जनम ले लेती है और यही चाकर अन्नत काल तक चलता रहता है पर यह भी है की जीवन जिसको हम मान बैठे है यह कोई जीवन नहीं है अगर हम सिर्फ रोटी के लिए ही जी रहे है क्योकि रोटी के लिए कोई जीना। इस पर्कार जीना सत्य है मरणा सिर्फ एक छलावा है।
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